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इंटरमीडिएट परीक्षा महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर हिंदी में महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न देखे।

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इंटरमीडिएट परीक्षा

इंटरमीडिएट परीक्षा महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर हिंदी में महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न देखे।

1. (i) भारत के सामने आज अनेक समस्याओं का जाल सा बिछ गया है। कहीं निर्धनता तो कहीं बेरोजगारी कहीं अशिक्षा तो कही महँगाई और इन सबका एक दूसरे से तार जुड़ा हुआ है। महँगाई और हमारे सामने एक विकट समस्या बन गई है। किसी देश की अवस्था को आँकने के दो पहलू होते हैं।

(i) आंतरिक और

(ii) बाह्य बाह्य पहलू को तो हम झूठ का सहारा लेकर दूसरों के समझ अच्छे रूप में प्रकट कर सकते हैं। पर आंतरिक पहलू बहुत ही नाजुक होता है। दुश्मन को इसको पता लगा नहीं की समझो हुआ सर्वनाश बाह्य रूप में तो विदेशी नीति में बहुत सकल है, सीमा सुरक्षा की दृष्टि से दृढ़ है पर आंतरिक दृष्टि से भी दृढ़ होना चाहिए।

आज मानव को दैनिक उपयोग की वस्तुओं को जुटाने में अथक परिश्रम करना पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल, तेल, घी यहाँ तक की दाले नमक आदि भी जुटाना कठिन हो गया है। गरीब व निम्न मध्यवर्ग उत्तरोत्तर बढ़ती मुल्य वृद्धि से जीवन भी दूभर हो गया है महँगाई एक नागिन सी फन 1 फैलाए डसने को तैयार है। अतः आए दिन मृत्यु का वरण करते कई निराश लोगों को खबरे पढ़ने में आती है। कुछ लोग तो रूखा सुखा खाकर और ठंडा पानी पीकर ही संतोष कर लेते हैं। लेकिन इस महँगाई का मुख्य कारण है । अव्यवस्था व सरकार की आर्थिक नीतियों में विकलता, अतः सरकार को अपनी नीतियों में संशोधन करके इस प्रकार की नीतियों बनानी चाहिए जो कि गरीब व दलित जनता के हित में हो सुखा पड़ने बाढ़ आने पर उपज में कमी होने के कारण वस्तुओं की महँगाई कभी-कभी वस्तुओं के उत्पादन न होने से भी बढ़ जाती है। क्योंकि कच्चा माल नहीं मिलता ऐसी दशा में साधारण लोगों को दैनिक प्रयोग की साधारण चीजें भी महँगी मिलती है। आजकल देश में ऐसी ही दशा हो रही है। सरकार महँगाई भत्ता बढ़ाती है। व्यापारी कीमतें बढ़ा देते हैं। अब तो तीन बार सरकार रूपये की किमत भी गिरा चुकी है। तब भी महँगाई कम नहीं हुई है। चीजों के दाम पुँजीपति व्यापारी कम ही नहीं लेते हैं। संभवतः उनकी आँखों के सामने देश की अपेक्षा धन अधिक प्रिय है पदार्थों के वितरण की व्यवस्था के दोषपूर्ण होने से भी महँगाई बढ़ जाती है। वस्तुओं के अधिक उपयोग से भी उनका मूल्य बढ़ जाता है।

1 (ii) नशामुक्ति वर्ष 2018, प्रश्न संख्या-1

(ii) का उत्तर देखें।

(iii) पर्यावरण संरक्षण वर्ष 2018, प्रश्न संख्या-1

(iii) का उत्तर देखें।

(iv) मेरे प्रिय कवि-वर्ष 2020, प्रश्न संख्या-1

(iv) का उत्तर देखें ।

(v) वसंत ऋतु वर्ष 2020 प्रश्न संख्या-1

(i) का उत्तर देखें।

(vi) छठ पर्व

उत्तर भारत में मनाये जाने वाले सबसे बड़े पर्वो में से एक है छठ पूजा और ये विशेष रूप से दो राज्यों में मनाया जाता है। अपनी जन्मभूमि से दूर रहने वाले लोग भी जहाँ कहीं रहते हैं वही पर इस त्यौहार को मनाते हैं, इसलिए आजकल यह विदेशों में भी मनाते देखा जा रहा है। छठ पूजा के लिए बिहार सबसे मशहूर है।

इंटरमीडिएट परीक्षा

छठ पूजा के पहले दिन को नहाए खाए के नाम से जाना जाता है। छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है, इसी दिन लोग उपवास भी रखते हैं। छठ पूजा के तीसरे को संध्या अर्घ्य या छठ पूजा के नाम से जाना जाता है। विश्वास का एक अवसर ऐसी मान्यता है कि छठ माता उस व्यक्ति की सभी मनोकामाएं पूरी करती है जो इस व्रत को स्वीकार करते हैं। यह हिन्दू धर्म के पवित्र कार्तिक माह के 6वें दिन मनाया जाता है। इसलिए अर्थ है छह । एक मान्यता यह भी है कि भगवान सूर्य की एक बहन थी जिसका नाम छठ माता था, इसलिए लोग उनकी बहन को प्रभावित करने के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना करते हैं। अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए लोग इस व्रत को रखते है और आजकल दुनिया भर में लोग इस त्योहार को मनाते देखे जा सकते हैं।

निष्कर्ष भारत में कई त्योहार मनाए जाते हैं और उनमें से प्रत्येक की एक अलग मान्यता होती है। इसी तरह छठ पूजा भी उनमें से एक है। यह हर सात दिवाली के बाद 6 वे दिन मनाई जाती है और हमें इस अवसर पर काफी खुशी महसूस होती है।

2. (i) प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग-2 के तिरिछ शीर्षक कहानी का एक अंश है। इस सारगर्भित कहानी के लेखक उदय प्रकाश है। इन पक्तियों में लेखक अपने पिताजी के विषय में वर्णन कर रहा है। उसके पिताजी शहर में जाकर विभिन्न स्थानों पर वहाँ के लोगों को हिंसक करवाईयों के शिकार हो जाते है। उनको काफी चोटे आती है और वे मरनासन्न हो जाते हैं। उन स्थितियों में लेखक एक अजीब-सी राहत महसूस करता है तथा उसकी फँसती हुई साँसे सामान्य हो जाती है। वह ऐसा अनुभव करता है कि उसके पिताजी को अब कोई दर्द महसूस नहीं होता रहा होगा। वह ऐसा इसलिए सोचता है कि अब उनके पिताजी को ऐसा विश्वास होने लगा होगा कि उनके साथ जो कुछ भी हुआ वह एक सपना था। उनकी नींद खुलते ही सब ठीक हो जाएगा। पुनः वह यह भी आशा व्यक्त करता है कि उसके पिताजी फर्श पर सोते हुए उसे और उसकी छोटी बहन को भी देख सकेंगे। लेखक की इस उक्ति में अजीब विरोधाभास है । लेखक के पिता बुरी तरह घायल हो गए है। उनकी स्थिति चिन्ताजनक हो गई है। फिर भी वह आशा करता है कि वे स्वस्थ हो जाएँगे, उन्हें कोई दर्द महसूस नहीं होगा और वे लेखक तथा उसकी छोटी बहन को फर्श पर लेटे हुए देखेंगे। यहाँ भी लेखक के प्रतीकात्मक भाषा-शैली का प्रयोग लिया है। संभवत: हिंसात्मक भीड़ द्वारा उनके पिताजी की बेरहमी से पिटाई तथा उनका सख्त घायल होना, उनकी विपन्नता, प्रताड़ना तथा त्रासदपूर्ण स्थिति को इंगित करता है। प्रतीकात्मक भाषा द्वारा लेखक ने अपने विचारों को प्रकट किया है ऐसा अनुभव होता है। लेखक का इस क्रम में आगे चलकर यह कहना कि “और जैसे ही वे जागेंगे सब ठीक जाएगा या नीचे फर्श पर सोते हुए मैं और छोटी बहन दिख जाएँगे” लेखक के पिताजी एवं

परिवार की सोचनीय आर्थिक दशा का सजीव वर्णन मालूम पड़ता है। (ii) भगत सिंह के अनुसार यदि मनुष्य यह सोचने लगे कि अगर मैं कोई कार्य नहीं करूँगा तो वह कार्य नहीं होगा तो यह पूर्णतः गलत है। 1 वास्तव में मनुष्य विचार को जन्म देनेवाला नहीं होता, अपितु परिस्थितियाँ विशेष विचारों वाले व्यक्तियों को पैदा करती हैं। अर्थात् हम तो केवल अपने समय की आवश्यकता की उपज है।

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